जसोल (बाड़मेर ) – पुराना ओसवाल भवन जसोल में 258 वाँ तेरापन्थ स्थापना दिवस पर धर्मसभा का हुआ आयोजन आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या शासनश्री साध्वी गुलाबकँवर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आचार्य भिक्षु संत परम्परा के मुधन्य विशिष्ट महापुरुष थे। शासन साध्वी भानना करने का विशेष समय होता है। सभी इस काल मे नियमित प्रवचन श्रमण, सामायिक, जप, ध्यान, तपस्या, जमीकंद का त्याग, रात्रि भोजन का त्याग आदि करने का प्रयास करे। साध्वी हेमरेखा , साध्वी प्रसन्न प्रभा, साध्वी ऋतुयशा ने भी प्रेरणा पाथेय प्रदान किया । इस अवसर पर प्रोफेसर सोहनराज तातेड़, सभा अध्यक्ष डूँगरचंद सालेचा, महासभा के प्रभारी गौतमचंद सालेचा, शंकरलाल ढेलडिय़ा, लीलादेवी सालेचा, फेनादेवी भंसाली, ललितादेवी मेहता सहित प्रबुद्व वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये । इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ कन्या मंडल जसोल द्वारा मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम से पूर्व अनुशासन रैली निकाली गयी जिसमे तेरापंथ सभा, महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद, कन्या मंडल, किशोर मंडल, ज्ञानशाला व नवकार स्कूल एवं श्रावक समाज ने उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन अभातेयुप के कार्यकारिणी सदस्य कांतिलाल ढेलडिय़ा ने किया ।