द्विधारा पथ संचलन संगम स्थल बना आकर्षक का केंद्र , नगर में जगह जगह हुई पुष्पवर्षा
जसोल (बाड़मेर)# राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की और से जसोल खंड का नव् वर्ष प्रतिपदा उत्सव पर निकला पथ संचलन । जसोल नगर के मुख्य मार्गों से निकले पथ संचलन गंगा व् यमुना धारा का कबूतरों का चौक माली समाज भवन के पास हुआ संगम, संगम देखने लोगो की उमड़ा हुजूम ,दो स्थानों से वृन्दावन संघ स्थान तालाब रोड एवं आदर्श विद्या मंदिर नाकोड़ा रोड से निकला पथ संचलन नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ संगम स्थल पहुंचा । जहाँ दोनों धारा गंगा व् यमुना का संगम 5: 09 मिनिटपर हुआ , सेकड़ो की संख्या में खडे लोगो ने पुष्प वर्षा कर और भारत माता की जय करो से माहौल को गुंजायमान का दिया ।
राजकीय एस एन वोहरा विद्यालय में स्वयं सेवक प्रबोधन कार्यक्रम का हुआ आयोजन जिसमे ध्यानारामजी महाराज आसोतरा , रावल किशनसिंह जसोल , जिला संघ चालक सुरंगीलाल सालेचा , मुख्यवक्ता जोधपुर प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर ने दिया पाथ्य ।
ध्यानारामजी महाराज ने बताया कि डा हेडगेवार जी ने जो संघ रूपी बीज बोया है वो आज वटव्रक् के रूप में देखने को मिल रहा है एसे ही माँ भारती की सेवा में लगे रहे , कार्यक्रम के मुख्यअतिथि रावल किशनसिंह ने स्वयंसेवको को भारत भूमि के गौरव शाली अतीत के बारे बताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना को साकार रूप हैं स्वतंत्र भारत के इतिहास में हिन्दू का नाम लेना अभिशाप है ऐसा नहीं किया जा सकता है हम पुनः गौरवशाली अतीत की और बढ़ रहे हे , मुख्य वक्ता जोधपुर प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर ने कहै कि भारत भूमि पर ही वसुधेव कुटुम्ब की भवन को देख सकते हो और किसी भी राष्ट्र में नहीं , सर्वाधिक शुद्ध कल खंड की गणना भारत वर्ष में ही है , संघ में स्वयं सेवक कुछ पाने मिलेगा ऐसी आशा के साथ नहीं आता है अपनत्व का भाव ही भारतीय संस्कृति में है ,समाज को शिक्षा देने का कार्य हिन्दू करता है ।