जयपुर, 13 जुलाई। उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा है कि मार्बल स्लरी और पत्थर अवशेषों के अधिकतम लाभकारी उपयोग, प्रतिस्पर्धात्मक व्यावसायिक लागत और आम आदमी में इन उत्पादों के उपयोग की समझ पैदा करने के लिए प्रदेश में शोध और विकास (आर एण्ड डी ) को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने राजस्थान को प्राकृतिक संपदा संपन्न प्रदेश बनाया है, ऎसे में प्रकृति और पर्यावरण में सामंजस्य बैठाते हुए इस संपदा और अवशेषों का अधिकतम लाभकारी उपयोग किया जाएगा।
श्री शेखावत गुरुवार को एमएनआईटी परिसर में मार्बल स्लरी और पत्थर अवशेषों के लाभकारी उपयोग विषय पर रीको, सीडॉस और एमएनआईटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। आरंभ में उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि देश का 70 फीसदी पत्थर राजस्थान में हैं। मार्बल और कोटा स्टोन आदि तो 90 प्रतिशत तक प्रदेश में हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के कस्टोडियन के रुप में हमारी विशेष जिम्मेदारी हो जाती है। हमें उपलब्ध संसाधनों का दोहन इस तरह से करना होगा जिससे कोई भी अवशेष निरर्थक नहीं जाए और उसका वैज्ञानिक व आधुनिक तकनीक से अधिकतम उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पानी की रिसाइक्लनिंग कर उसका उपयोग किया जा रहा है उसी तरह से मार्बल स्लरी और पत्थरों के अवशेषों को इकोफ्रैण्डली बनाते हुए उनका उपयोग किया जाना चाहिए।