मेवाड़ अंचल के वन क्षेत्र में सदियों से निवास कर रहे जनजाति एवं वनवासी बन्धु अपनी आवश्यकताओं तथा जीविकोपार्जन के लिए मुख्य रूप से लघु वन उपज के संग्रहण एवं विपणन से प्राप्त होने वाली आय पर निर्भर रहते आये हैं। इनका जीवन ओर बेहतर व खुशहाली से भरपूर बनाने के लिये इनके जीविकोपार्जन के स्रोत बढ़ाने की निरन्तर आवश्यकता महसूस की जा रही थी। मुख्य मंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने वनवासी बहुल इन इलाकों के निवासियों के दौरों के दौरान व्यक्तिशः वार्तालाप करने के पश्चात उनके आर्थिक-सामाजिक उत्थान के मर्म को गहराई से समझा व वन विभाग के अधिकारियों से परामर्श कर इन वनवासियों जिनका वनों से चौली-दामन का रिश्ता रहा है, की आय में इजाफा लाने हेतु सरकार आपके द्वार कार्यक्रम 2014 के दौरान लधु वन उपज विशिष्ट मंडी यार्ड बनाने की घोषणा की। घोषणा के अनुरूप कृषि उपज मण्डी समिति अनाज उदयपुर में लधु वन उपज का व्यापार अनवरत शुरु हो चुका है व इसके सुखद परिणाम वनवासियों की आमदनी में इजाफे के साथ-साथ उनके परिवारों में आर्थिक खुशहाली के रूप में सामने आ रहे हैं।