जयपुर, 10 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के रूप में शुरू हुई जल क्रांति के बाद प्रदेश में वन क्रांति शुरू हो रही है। पिछले वर्ष जल संरक्षण के लिए जिस जनजागृति के साथ इस अभियान की शुरूआत हुई थी, उसे जन-जन के सहयोग से वन संरक्षण की दिशा में भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने किया शावकों का नामकरण
मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जन्में तीन शावकों का नामकरण भी किया। उन्होंने मादा शावक को तारा तथा नर शावकों को तेजस और त्रिपुर नाम दिए।
श्रीमती राजे सोमवार को गोविन्दपुरा बीड़ गांव में 68वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यावरण को सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए जरूरी है कि हर एक व्यक्ति इस अभियान से जुड़े और अपना योगदान दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमजेएसए के दूसरे चरण में प्रदेश में 60 लाख पौधे लगाए जाएंगे। राज्यस्तरीय वन महोत्सव के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों, ब्लॉक एवं पंचायतों में अबतक 15 लाख पौधे लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने दूदू पंचायत समिति के सिरोहीकलां तथा फागी के सांवरियाकलां गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि एमजेएसए के अन्तर्गत किए गए जल संरक्षण कार्यों के कारण इस क्षेत्र में चने की उत्पादकता दोगुनी हो गई। यहां के गांवों में जहां वर्ष में एक ही फसल हो पाती थी, अब दो फसलें मिलने लगी हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के शुरूआती तीन साल में 12000 गांव मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में कवर हो जाएंगे तथा आने वाले सालों में इस अभियान से राज्य को जल आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।