जसोल ( बाड़मेर )- माता राणी भटियाणी मंदिर संस्थान की और से माता राणी भटियाणी मंदिर प्रांगण में नों दिवसीय राम कथा का हुआ शुभारंभ , मानस कथाकार संत श्री मुरलीधर जी महाराज के श्री मुख से रामकथा रूपी गंगा में बताया की मन को भगवान के चरणों मे लगाना चाहिए , कथा तो जल के प्रवाह की तरह होती हैं जिस प्रकार पानी मे डुबकी लगाते हैं जिसमें डुबकी तो बार बार लगती है लेकिन जल अलग होता है वो प्रवाह रूप में चलता रहता हैं । सब दोषों को छोड़ भगवत भक्ति का मार्ग अपनाना चाहिए , मनुष्य जन्म को कल्याणकारी बनाने का सुगम मार्ग है जीवन में गलती तो सब से होती के लेकिन जो गलती का प्राशित करता है वो हो सही मानव है ।
कथा प्रारम्भ से पूर्व मानस की माता राणी भटियाणी मंदिर में मानस की पूजा की गई ।कथा में रावल किशनसिंह , ठा. गजेंद्र सिंह , ठा. विशनसिंह , ठा. हनवंतसिंह , पंडित मनोहरलाल अवस्थी ,मोहनलाल खंडेलवाल ,देवाराम माली , रामेश्वर भूतड़ा , देवेंद्र सोलंकी सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे ।