बालोतरा। बाबा रामदेव की विश्राम स्थली के रूप मेंं विख्यात बिठूजाधाम स्थित रामसापीर मंदिर पर बाबा दूज के मेले में दूर-दराज क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं ने आकर बाबा रामदेवजी की प्रतिमा के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। श्रद्धालु भैरूलाल डागा ने बताया कि मंदिर में श्रावण शुक्ल पक्ष की बाबा दूज के अवसर पर गुरूवार को दिनभर श्रद्धालुओं की रेलमपेल लगी रही। अलसुबह ब्रह्ममुहूर्त में क्षेत्र के बालोतरा, जसोल, पचपदरा, पारलू, कनाना, सराणा, जानियाना, वरिया, मेवानगर, बुड़ीवाड़ा, जागसा, असाड़ा, टापरा, गोपड़ी, आसोतरा सहित आसपास के गांव व कस्बों से सैकड़ों की तादाद् में पैदल जातरू हाथों में पंचरंगी ध्वज पताका लिए बिठूजाधाम आकर बाबा रामसापीर की आदमकद प्रतिमा के दर्शन पूजन कर महाआरती में भाग लिया।
डागा ने बताया कि बाबा दूज के मौके पर सूर्य की प्रथम किरण के साथ ही रामदेवजी की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुजारी द्वारा पंचामृत से अभिषेक किया गया इसके बाद नवीन वस्त्र, आभूषण पहनाकर गुलाब व चमेली के सुगंधित फूलों से श्रृंगार किया गया। सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में एक सौ एक दीप प्रज्जवलित कर लाभार्थी परविार व श्रद्धालुओं की ओर से महाआरती की गई। महाआरती के बाद सवेरे 8 बजे 11 फीट लंबी रंग-बिरंगी ध्वजा को ढोल ढमाकों के साथ मंदिर शिखर पर ले जाकर चढ़ाई गई। डागा ने बताया कि दूज के मौके पर मंदिर परिसर में दोपहर को भजन कीर्तन का आयोजन हुआ। भजन कीर्तन में गायक कलाकार विजयराज भाटी, नारायण माजीराणा, भैराराम प्रजापत ने सुमधुर प्रस्तुतियां दी।
डागा ने बताया कि बाबा दूज के मौके पर सूर्य की प्रथम किरण के साथ ही रामदेवजी की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुजारी द्वारा पंचामृत से अभिषेक किया गया इसके बाद नवीन वस्त्र, आभूषण पहनाकर गुलाब व चमेली के सुगंधित फूलों से श्रृंगार किया गया। सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में एक सौ एक दीप प्रज्जवलित कर लाभार्थी परविार व श्रद्धालुओं की ओर से महाआरती की गई। महाआरती के बाद सवेरे 8 बजे 11 फीट लंबी रंग-बिरंगी ध्वजा को ढोल ढमाकों के साथ मंदिर शिखर पर ले जाकर चढ़ाई गई। डागा ने बताया कि दूज के मौके पर मंदिर परिसर में दोपहर को भजन कीर्तन का आयोजन हुआ। भजन कीर्तन में गायक कलाकार विजयराज भाटी, नारायण माजीराणा, भैराराम प्रजापत ने सुमधुर प्रस्तुतियां दी।