जयपुर, 10 जुलाई। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग राज्यमंत्री तथा बासवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुशील कटारा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में निर्मित जल संरचनाओं से एक ओर जहां पानी बचेगा वहीं इनके किनारे हो रहे पौधरोपण से इस अंचल में हरियाली भी पसरेगी। उन्होंने जन समुदाय से आह्वान किया कि अभियान के तहत अधिकाधिक पौधे लगाकर धरती मां का श्रृंगार कर इसका संरक्षण करें।
श्री कटारा सोमवार को बासवाड़ा जिला प्रशासन एवं वन विभाग के तत्वावधान में श्यामपुरा वानिकी उद्यान स्थल पर मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान द्वितीय चरण के जिला स्तरीय वन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस धरती के तापमान को नियंत्रण करने एवं मिट्टी का कटाव रोकने में पौधों का अहम योगदान हैं। इससे लाखों रुपयों की बचत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पानी को लेकर संत मावजी की भविष्यवाणियाँ सत्य साबित हो रही है। हमें पानी को बचाना होगा तथा धरती के दोहन पर नियत्रंण भी रखना होगा।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगर परिषद् की सभापति मंजूबाला पुरोहित ने कहा कि हमें जन्म दिन पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। पर्यावरण को बचाने में यह हमारा एक अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि पेड़ हमें प्राणवायु देते हैं। ये बचेंगे तो हम बचेंगे। उन्होंने श्यामपुरा जंगल की भी मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए बांसवाडा-डूंगरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री मानशंकर निनामा ने कहा कि वन हाेंगे तो वर्षा होगी। सघन वनों के लिये हम अधिकाधिक पेड़-पौधे लगाएं। उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जंगल के कटान पर अंकुश लगा है। उन्हाेंने महुवा के अधिकाधिक रोपण के साथ कम पानी के पौधे नीम, खेजड़ी आदि के रोपण पर बल दिया। उन्होंने पश्चिमी राजस्थान व दक्षिणी राजस्थान की पर्यावरणीय स्थितियों की तुलना करते हुए कहा कि यहां हरियाली है, हमें इसे बचाना होगा।