प्रदेशभर के दिव्यांगजनों के हौंसले को बढ़ाने वाले इस अभियान में
बाड़मेर – 1 जून से प्रदेशभर में पूरे दस माह तक शिविर आयोजित किया जायेगा।
शिविर के प्रथम 4 माह में प्रदेश के दिव्यांगजन अपना पंजीयन करवा सकेंगे। इसमें दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम-2016 के अनुसार तय दिव्यांगता की सभी 21 श्रेणियों में पंजीकरण कर एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जायेगा। अगले ढाई महीने (25 -सितम्बर से 12 दिसम्बर ) तक राज्य सरकार की चिकित्सा टीम निःशक्तता को प्रमाणित करने का काम करेगी। इसके अंतर्गत प्रदेश की सभी विधानसभाओं में क्षेत्रवार शिविर लगाए जायेंगे। फिर शिविर के अंतिम साढ़े तीन महीने में सभी पंजीकृत दिव्यांगों को निःशक्तता प्रमाणपत्र, कृत्रिम अंग व उपकरण, रेल व बस पास व अन्य सुविधाएँ प्रदान की जायेंगी। साथ ही ज़रूरतमंदों को राज्य सरकार की ओर से ऋण भी मुहैया कराने की व्यवस्था होगी।
बाड़मेर – 1 जून से प्रदेशभर में पूरे दस माह तक शिविर आयोजित किया जायेगा।
शिविर के प्रथम 4 माह में प्रदेश के दिव्यांगजन अपना पंजीयन करवा सकेंगे। इसमें दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम-2016 के अनुसार तय दिव्यांगता की सभी 21 श्रेणियों में पंजीकरण कर एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जायेगा। अगले ढाई महीने (25 -सितम्बर से 12 दिसम्बर ) तक राज्य सरकार की चिकित्सा टीम निःशक्तता को प्रमाणित करने का काम करेगी। इसके अंतर्गत प्रदेश की सभी विधानसभाओं में क्षेत्रवार शिविर लगाए जायेंगे। फिर शिविर के अंतिम साढ़े तीन महीने में सभी पंजीकृत दिव्यांगों को निःशक्तता प्रमाणपत्र, कृत्रिम अंग व उपकरण, रेल व बस पास व अन्य सुविधाएँ प्रदान की जायेंगी। साथ ही ज़रूरतमंदों को राज्य सरकार की ओर से ऋण भी मुहैया कराने की व्यवस्था होगी।
राज्य सरकार के इस अभियान द्वारा प्रदेश के सभी विशेष योग्यजनों को केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं से भी जोड़ा जायेगा। राज्य के इन दिव्यांगों को केंद्र सरकार की यूआईडी योजना के तहत देशभर में मानित एक यूनिक आईडी दी जाएगी। जिससे इन्हें देश में कहीं भी रेल व बस यात्रा में सुगमता रहेगी। सभी पंजीकृत दिव्यांगों को राजस्थान सरकार की पालनहार योजना का लाभ पहुँचाने का प्रबन्ध भी किया जायेगा। जिससे कि इनकी मासिक पेंशन निर्धारित कर इन्हें आर्थिक मजबूती दी जा सकें।

