इस ई-पंचायत साफ्टवेयर के माध्यम से विभाग वर्तमान में कितनी राशि ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति एवं जिला परिषद के खातों में अवशेष पड़ी हुई राशि की जानकारी के साथ बेहतर वित्तीय प्रबंधन संभव हो सकेगा एवं सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ोें रुपयों की बचत होगी।
ई-पंचायत व्यवस्था लागू होने पर विभिन्न योजनाओं की राशि का भुगतान करने की संपूर्ण कार्यवाही संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा ही सुनिश्चित की जायेगी, जो भुगतान ग्राम पंचायतों द्वारा वर्तमान में चैक के माध्यम से किया जा रहा है, वह भुगतान संबंधित व्यक्तियों, संस्थाओं के खाते में ग्राम पंचायतों द्वारा जमा करवाया जायेगा। ई-पंचायत सॉफ्टवेयर से सरपंच एवं सचिवों के अधिकारों का कोई हनन नहीं होगा परंतु राजकोष के समुचित उपयोग एवं पारदर्शिता में काफी वृद्धि होगी। वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा योजना में इसी तरह का सॉफ्टवेयर की व्यवस्था संपूर्ण देश में लागू है तथा प्रभावी रूप से कार्य कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु पंचायती राज संस्थाओं को प्रतिवर्ष लगभग 6 हजार करोड़ रुपए की राशि पंचायती राज के माध्यम से उपलब्ध करवायी जाती है। इस राशि का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सुविधाओं का विकास करना है। कायोर्ंं का चयन ग्राम सभा द्वारा ही किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवायी जा रही राशि की जानकारी जनता का बिना सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे सहजता से मिल सके, इस उद्देश्य से एक सॉफ्टवेयर का निर्माण करवाया गया है इस सॉफ्टवेयर में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की जानकारियां सहजता से उपलब्ध हो सकेंगी।