जालोर जिले के आहोर क्षेत्र के गांव बिजली निवासी 15 वर्षीय गोविंद का एक पैर जन्म के समय से ही मुडा हुआ था। चलने फिरने में परेशानी होने के कारण गोविन्द के पिता सोनाराम को हरवक्त अपने बच्चे के भविष्य की चिंता सताती रहती थी। इसी दौरान गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचे आरबीएसके टीम के डाॅ विकास सैनी और डाॅ शीला गुप्ता ने गोविंद का पैर मुडा हुआ होने पर उसके इलाज के लिए उसका चयन किया और उसके पिता सोनाराम को योजना के बारे में बताया। सोनाराम जी जोधुपर के प्राइवेट अस्पताल गोयल में गोविन्द के पैर का निशुल्क आॅपरेशन हुआ।
अब गोविंद का अस्पताल से छुटटी दे दी गई और वह घर पर है। स्वस्थ होने के बाद गोविन्द भी गांव के अन्य बच्चों की तरह सामान्य रूप चल पाएगा और उनके साथ खेल भी सकेगा। गोविंद के पिता सोनाराम ने बताया कि उसके बच्चे को जन्मजात विकृति से सरकार की वजह से छुटकारा मिला हैं। वह खेती बाडी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण प्राइवेट अस्पताल में आॅपरेशन करवाना उसके लिए संभव ही नहीं था पर हमारे लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना वरदान बनकर आई।